'सलमान खान' अब हुए संसार सिंह, हापुड़ में हिंदू बने 45 परिवार; कहा- खून में है सनातन धर्म
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 45 परिवारों ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है। सलमान खान अब संसार सिंह बन गए हैं। उनका कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे लेकिन मुगलों ने उन्हें मुस्लिम बनने के लिए मजबूर कर दिया था। अब वे अपने धर्म में वापस आकर खुश हैं। वह हिंदू रीति रिवाज के साथ संस्कार करेंगे।
राममोहन शर्मा, हापुड़। विरोध और चार साल की उधेड़बुन के बाद आखिर सलमान खान और उनके कुनबे के 45 परिवारों ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। सलमान खान ने धर्म बदलने के बाद अपना नाम संसार सिंह रख लिया है और अपने दादा का नाम रखा श्यामलाल सिंह, जिनका निधन होने पर बुधवार को ब्रजघाट में हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार किया
150 लोगों ने अपनाया है गौरीशंकर गोत्र
इसके बाद उनकी अस्थियों को प्रवाहित कर पहली बार गंगा स्नान कर खुद को शुद्ध किया और सनातन धर्म स्वीकार कर लिया। चूंकि, इन्हें अपना गोत्र पता नहीं था, इसलिए भगवान शिव एवं माता पार्वती के नाम पर गौरीशंकर गोत्र अपनाकर घर वापसी की। कहा, अब देश में हिंदुओं के हित सुरक्षित हैं और उन्हें सनातन धर्म स्वीकार करने की खुशी है।

चार साल से कर थे घर वापसी का प्रयास
दिल्ली के संसार सिंह (पूर्व में सलमान खान) ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से इस्लामाबाद (पाकिस्तान) का रहने वाला है। उनके पूर्वज हिंदू हुआ करते थे, लेकिन मुगलों ने उन्हें मुस्लिम बनने के लिए मजबूर कर दिया था। अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद देश का बंटवारा हुआ तो परिवार ने भारत में रहने का निर्णय लिया और पूरा कुनबा इस्लामाबाद से आकर दिल्ली में बस गया।इसमें अब 45 से अधिक परिवार हैं, जिनमें करीब 150 सदस्य हैं। संसार सिंह के मुताबिक सभी लोगों ने करीब चार साल पूर्व इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म को स्वीकार करने का निर्णय लिया था, लेकिन कुछ लोगों के विरोध के चलते इनके परिवार के सदस्य इस्लाम और सनातन धर्म के बीच झूलते रहे।
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार करेंगे संस्कार
आखिर उनके दादा ने निर्णय लिया कि परिवार के सदस्य अब हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक ही व्रत त्योहार व अन्य संस्कार अपनाएंगे। इसके साथ ही संकल्प दिलाया कि निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार ब्रजघाट पर करके वंशावली में नाम दर्ज कराया जाए। उनकी इच्छा के मुताबिक संसार सिंह ने उनका अंतिम संस्कार किया। इसके बाद पुरोहित अंकुर शर्मा के यहां परिवार के सदस्यों का नाम वंशावली में दर्ज कराया।
0 Comments